
तेल की कीमत में चार फ़ीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है. मध्य-पूर्व दुनिया का अहम तेल आपूर्तिकर्ता इलाका है.
अमेरिका और ईरान के बीच बढ़ते तनाव की आशंका को देखते हुए कच्चे तेल की कीमतों में उछाल देखा जा रहा है.
अमेरिका ने बुधवार को मध्य पूर्व के देशों से अमेरिकी सैन्य कर्मियों के परिवारों को वापस आने की अनुमति दी है.
अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंड क्रूड मंगलवार को न्यूयॉर्क में दोपहर के कारोबार में अपने स्तर से 5% बढ़कर $70 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गया है. अमेरिका के वेस्ट टेक्सस इंटरमीडिएट ने भी तेजी दिखाते हुए अप्रैल के बाद अपने उच्चतम स्तर जा पहुंचा है.
कच्चे तेल की कीमतों में उस समय उछाल देखने को मिला, जब कुछ घंटे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ये बयान दिया था कि ईरान के साथ परमाणु समझौते को लेकर चल रही बातचीत सफल होने के उम्मीद कम है.
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गैर अनिवार्य स्टाफ के वापसी की पुष्टि करते हुए कहा, “अमेरिकी कर्मी मध्य पूर्व-छोड़ रहे हैं. ये खतरनाक जगह हो सकती है. हम देखते हैं क्या होगा. ईरान के पास परमाणु हथियार नहीं हो सकता है. हम इसकी अनुमति नहीं देंगे.”
अमेरिका ने चेतावनी दी है कि अगर कूटनीति विफल रही तो वह ईरान को परमाणु हथियार हासिल करने से रोकने के लिए सैन्य विकल्पों पर विचार करेगा.
ईरान के रक्षा मंत्री ने बुधवार को कहा कि उनका देश किसी भी हमले के जवाब में अमेरिकी सैन्य ठिकानों को ‘बिना किसी हिचकिचाहट’ के निशाना बनाएगा. इन बयानों के बाद तेल बाजार पर सीधा असर पड़ा है.
ईरान को नए परमाणु समझौते के लिए तय किया गया समय गुरुवार को खत्म हो रहा है. ट्रंप ने इस समझौते के लिए ईरान को 60 दिन का समय दिया था.

अमेरिका चाहता है कि ईरान यूरेनियम का संवर्धन बंद कर दे, जिसका इस्तेमाल परमाणु बम बनाने में किया जा सकता है. इसके बदले में अमेरिका ईरान पर आर्थिक प्रतिबंधों में ढील देगा.
हेगसेथ ने बुधवार को कांग्रेस पैनल के सामने कहा, मेरा मानना है कि ‘बहुत सारे संकेत हैं.’ ईरान ‘किसी ऐसी चीज की ओर बढ़ रहा है, जो परमाणु हथियार के करीब है.’
हालांकि ईरान का कहना है कि उसका यूरेनियम संवर्धन कार्यक्रम ऊर्जा उत्पादन के लिए है और वह परमाणु बम बनाने की कोशिश नहीं कर रहा है.