
डब्ल्यूएफपी का कहना है कि ग़ज़ा के गोदाम में भूखे लोगों की भीड़ ने तोड़फोड़ की है. ग़ज़ा के उत्तरी इससे के मुख्य शहर में अराजकता और लूट पाठ की स्थिति बन गई है.
बीते कई सप्ताह से इस इलाके में जरूरी मदद नहीं पहुंच पाई थी. यहां रहने वाले फलस्तीनी लोग खाने की तलाश में भटक रहे हैं.
हमास संचालित गृह मंत्रालय ने कहा है कि गुरुवार को ग़ज़ा शहर के एक बाजार में तैनात उसके 7 पुलिस अधिकारियों की इसराइली हवाई हमले में मौत हो गई. हमास के मुताबिक ये अधिकारी व्यवस्था बनाए रखने में जुटे थे.
इसराइली सेना ने इस घटना पर कोई टिप्पणी नहीं की है, लेकिन कहा है कि उसने पिछले दिनों ग़ज़ा में ‘दर्जनों आतंकी ठिकानों’ पर हमला किया था.
स्थानीय चिकित्सकों और बचावकर्मियों ने कहा कि गुरुवार को पूरे क्षेत्र में कम से कम 44 लोग मारे गए, जिनमें से 23 लोगों की मौत केंद्रीय बुरेज शरणार्थी शिविर में हुई.
इससे पहले संयुक्त राष्ट्र ने कहा था कि अल-बला के केंद्रीय शहर मैं स्थित उसके गोदाम में घुसे ‘भूखे लोगों की भीड़’ में कम से कम दो लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.

इसराइल की नाकेबंदी के बीच इस जगह पर 11 सप्ताह के बाद राहत सामग्री पहुंची थी.
अब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि गोली किसने चलाई थी.
संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि इसराइल के जमीनी अभियानों और निकासी आदेशों के कारण 6 लाख लोग फिर से विस्थापित हो गए हैं, तथा संयुक्त राष्ट्र समर्थित आईपीसी की एक रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि आने वाले महीना में लगभग 5 लाख लोगों को भूख के भयावह सामना करना पड़ेगा.
क्षेत्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार युद्ध के दौरान ग़ज़ा में कम से कम 54,249 लोग मारे गए हैं, जिनमें से 3,986 लोग तब मारे गए हैं जब इसराइल दोबारा आक्रमण शुरू किया था.