
बाढ़ की मौजूदा स्थिति को लेकर आपदा विभाग की तरफ से 2 जून की देर शाम जारी की गई रिपोर्ट में बताया गया है कि राज्य में इस समय 2 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं.
जबकि ऐसे करीब 32000 लोग हैं जिनके घर-बार पूरी तरह पानी में डूब गया है. इन लोगों के लिए प्रशासन ने अलग-अलग जगह 322 रहता शिविर स्थापित किए हैं
जोरहाट के निमातीघाट समेत तेजपुर, गोलाघाट में ब्रह्मपुत्र तथा इसकी सहायक नदियों का पानी खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है. कई जगह नदी तटबंध टूट जाने से दर्जनों गांव का संपर्क टूट गया है.

गोलाघाट जिले के भीमपारा गांव के अरुण ने कहा की, “पिछले तीन दिनों से हमारा गांव बाढ़ के पानी में डूबा हुआ है, लेकिन अभी तक हमारी मदद के लिए कोई नहीं आया है. हम अपने छोटे बच्चों के साथ फिलहाल घर में ही एक ऊंची जगह बनाकर रुके हुए हैं लेकिन अगर पानी ज्यादा बढ़ा तो हमें यहां से भागना पड़ेगा.”

पिछले पांच दिनों से लगातार हो रही भारी बारिश के कारण भारत के कई उत्तर पूर्वी राज्यों में बाड़ और भूस्खलन की कई घटनाएं सामने आई है.
असम के अलावा सबसे अधिक प्रभावित राज्यों में मिजोरम, मणिपुर, त्रिपुरा और अरुणाचल प्रदेश शामिल हैं, जहां अब तक कई लोगों की मौत हुई है.

सड़कें बह गई है और घर ध्वस्त हो गए हैं. विस्थापित हुए लोगों के लिए कई राहत शिविर खोले गए हैं. मिजोरम की राजधानी आइजोल में लगातार हो रही भारी बारिश और भूस्खलन की आशंका को देखते हुए जिले के सभी स्कूलों को बंद कर दिया गया है.
असम में बाढ़ स्थिति बिगड़ती जा रही है
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के मुताबिक इस समय राज्य के 22 जिलों में 1254 गांव बाढ़ के पानी में डूबे हुए हैं.
बाढ़ से सबसे ज्यादा नुकसान श्रीभूमि (करीमगंज) कछार, हैलाकांडी, लखीमपुर और नगाँव जिले में हुआ है.

आपदा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि बीते 24 घंटों में बाढ़ में डूबने से दो और लोगों की मौत हुई है.
इस तरह पिछले चार दिनों में राज्य में बाड़ और भूस्खलन से मरने वालों की संख्या 12 हो गई है.