
ईरानी मामलों के तेहरान स्थित विश्लेषक अब्बास असलानी का कहना है कि इसराइल, हथियारों और बढ़ती हुई कठोर धमकियों के माध्यम से ईरान में “मनोवैज्ञानिक युद्ध” छेड़ रहा है.
मध्य पूर्व सामरिक अध्ययन केंद्र के वरिष्ठ अनुसंधान फेलो असलानी ने कहा, “इसराइल जनता को डराने की कोशिश कर रहा है और ईरान को इसराइली हमलों का जवाब देने से रोकने के लिए अपनी धमकियों का अस्तर बढ़ा रहा है.”
“लेकिन तथ्य यह है कि ईरान अभी तक पूरी ताकत के साथ नहीं आया है, क्योंकि उसने यह संभावना खुली रखी है कि अमेरिका इस संघर्ष में शामिल हो सकता है.”
उन्होंने कहा कि भय या अराजकता फैलाने के बजाय, इसराइल के हमलों और धमकियों ने वास्तव में ईरान में राष्ट्रीय एकता की भावना को और मजबूत किया है.
इसराइल के हमले “देश ईरान को जवाब देने से नहीं रोकेंगे.”