
कुछ दिन पहले ही एक रिपोर्ट में बताया गया था कि अगर ग़ज़ा में मानवीय सहायता नहीं पहुंचा तो 14 हजार बच्चों की जान जा सकती है.
नासेर मेडिकल कॉम्प्लेक्स के एक चिकित्सा सूत्र ने बताया की खान युनुस स्थित बाल एवं प्रसूति अस्पताल में एक फलस्तीनी बच्चे की कुपोषण से मृत्यु हो गई.
उत्तरी ग़ज़ा में भुखमरी की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है, जहां 2 वर्ष से कम आयु के 31% बच्चे गंभीर कुपोषण से पीड़ित हैं, और जनवरी से यह प्रतिशत दोगुना हो गया है.
UN की रिपोर्ट में बताया गया है कि अगर ग़ज़ा में मानवीय सहायता नहीं पहुंचा तो 5 लाख लोगों को भूख का भयावह सामना करना पड़ेगा.
ग़ज़ा में जब सहायता केंद्र के पास लोगों की भीड़ लगती है तो इसराइली सेना भीड़ पर गोलीबारी करने लगती है और साथ में आसुं गैस के गोले भी दागती है.