
ईरान ने अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन को आधिकारिक तौर पर सूचित कर दिया है कि वह इसराइल के खिलाफ बड़े पैमाने पर हमला करेगा.
ईरान ने कहा कि इसराइल पर ईरान के हमलों को विफल करने में भाग लेने वाला कोई भी देश ईरानी सेनाओं का लक्ष्य होगा.
ईरान ने इसराइल की मदद को लेकर अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन को चेतावनी दी है. ईरान की सरकारी मीडिया ने इस बात की जानकारी दी है.
रिपोर्ट में कहा गया कि यदि तीनों देश इसराइल को समर्थन देते हैं तो ईरान इन देशों से संबंधित सैन्य ठिकानों और जहाजों को निशाना बनाएगा.
ब्रिटेन ने अब तक ईरानी हमलों के जवाब में इसराइल की सुरक्षा के प्रयासों को लेकर की गई टिप्पणीयों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. लेकिन बताया जा रहा है कि ब्रिटेन ने किसी भी सैन्य कार्रवाई में हिस्सा नहीं लिया है.
इसराइल ने ब्रिटेन से इस प्रकार की सहायता के लिए कोई अनुरोध नहीं किया है.
जब ईरान ने अतीत ड्रोन के जरिए इसराइल को निशाना बनाया है, तो ब्रिटेन ने उन्हें मार गिराने के लिए साइप्रस से RAF टाइफ़ून जेट भेजें हैं.
इसराइल ने शुक्रवार को ईरान के कई अलग-अलग जगहों पर हवाई हमले किए थे, इसके बाद जवाबी कार्रवाई में ईरान ने इसराइल पर बैलिस्टिक मिसाइलें दागी है.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान से उसके परमाणु कार्यक्रम पर समझौता करने के लिए कहा है और चेतावनी दी है कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो इसराइल और भी ज्यादा कड़ा हमला कर सकता है.
इसराइल ने शुक्रवार को ईरान पर हमला करने के बाद कहा कि वह ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों पर हमला किया है.
वहीं इसराइली प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू ने कहा कि इसराइल के अस्तित्व के लिए ईरानी खतरे को कम करने के लिए एक टारगेटेड सैन्य अभियान है.
इसराइल के हमले के बाद ईरान के सर्वोच्च नेता अली खामेनेई ने कहा था कि ईरान इसराइल को भारी चोट पहुंचाएगा.