
ग़ज़ा में इस हफ्ते राहत केंद्र तक पहुंचने की कोशिश में अब तक कई फलस्तीनी नागरिकों की मौत हो चुकी है और सैकड़ों लोग घायल हुए हैं.
हमास संचालित सिविल डिफेंस एजेंसी ने बताया कि शनिवार सुबह लोग खाने का सामान लेने राहत केंद्र पहुंचे, तभी फायरिंग शुरू हो गई.
एजेंसी के मुताबिक ग़ज़ा के दक्षिणी हिस्से में एक राहत वितरण केंद्र के पास इसराइली सेना की फायरिंग में 6 फलस्तीनियों की मौत हुई है और कई लोग घायल हुए हैं.
एक चश्मदीद के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार, जब लोग राहत केंद्र की ओर बढ़ने लगे तो इसराइली सैनिकों ने गोलियां चला दी.

वहीं इसराइली सेना का कहना है कि उन्होंने केवल चेतावनी के तौर पर गोली चलाई क्योंकि एक संदिग्ध व्यक्ति उनकी ओर बढ़ रहा था.
अमेरिका और इसराइल समर्थित ग़ज़ा ह्यूमनेटेरियन फाउंडेशन GHF ने कहा कि सुरक्षा और भीड़ नियंत्रित करने के लिए उन्होंने अस्थायी रूप से राहत सामग्री बांटने का अपना काम रोक दिया है.
इसके बावजूद, लोग रोजाना उस चौराहे पर इकट्ठा हो रहे हैं, जो इसराइली सैन्य इलाके की सीमा पर है और यहीं से होकर उन्हें राहत केंद्र जाना होता है.
इजरायली डिफेंस फोर्सज IDF ने एक बयान में कहा है कि उन्होंने ग़ज़ा के लोगों को पहले ही बता दिया था कि यह इलाका रात के वक्त एक सक्रिय युद्ध क्षेत्र बन जाता है.
GHF ने बताया कि शनिवार को वो खाना नहीं बांट सके क्योंकि उन्हें हमास की ओर से धमकियां मिली थीं. हालांकि, हमास ने ऐसे किसी भी आरोप से इनकार किया है.

संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, आने वाले महीनों में ग़ज़ा में लगभग 5 लाख लोगों को भुखमरी का सामना करना पड़ेगा.
ग़ज़ा में हमास की और से अभी भी 56 लोगों को बंधक बनाकर रखा गया है, जिनमें से कम से कम 20 के जीवित होने की संभावना है.
हमास संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, ग़ज़ा में 7 अक्टूबर 2023 के बाद से अब तक कम से कम 54000 लोग मारे गए और लाखों लोग घायल हैं.